समस्या के समाधान का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है !समस्या की श्रृखला में एक नई समस्या जोड़ दो !जनता का ध्यान पुरानी समस्या से हटा उस ओर मोड दो !जो यथार्थ का प्रतिबिंब दे उस शीशे को फोड़ दो !आचार्य महाप्रज्ञ

कुछ सारहीन बेगारों को, श्रमदान नहीं कहते ! बंजर भूमि देने को, भूदान नहीं कहते ! कुछ जोड़-तोड़ करने को, निर्माण नहीं कहते ! उठ-उठ कर गिर पड़ने को, उत्थान नहीं कहते ! दो-चार कदम चलने को, अभियान नहीं कहते ! सागर में तिरते तिनके को, जलयान नहीं कहते ! हर पढ़-लिख जाने वाले को, विद्धान नहीं कहते ! एक नजर मिल जाने को, पहचान नहीं कहते ! चिकनी-चुपडी बातों को, गुणगान नहीं कहते ! मंदिर में हर पत्थर को, भगवान नहीं कहते। --मुनि तरूणसागर
समाज तो सामायिक है,क्षणभंगुर है !रोज बदलता रहता है,आज कुछ-कल कुछ !भीड भेड है!

सदगुरू, तुम्हें भीड से मुक्त कराता है !सदगुरू, तुम्हें समाज से पार लेजाता है !सदगुरु तुम्हें शाश्वत के साथ जोड़ता है !
--रजनीश

5 दिसम्बर, 2008

नेताओं-हुक्कामों ! पैट्रोल-डीजल की कीमतें फौरन घटाओ !

आज अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रुड आयल 44 डालर प्रति बैरल से नीचे आगया है। वहीं इण्डियन बास्केट में भी क्रुड आयल लगभग 35 डालर प्रति बैरल से नीचे ही चल रहा है। लेकिन केन्द्रीय सरकार और तेल कम्पनियां पैट्रोल-डीजल और गैस के दामों में कटौती नहीं कर रही है। भारतीय जनता पार्टी देश के पांच राज्यों में विधान सभा चुनावों में सियासी फायदा उठाने के लिये पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी का चुनाव आचार संहिता की आड लेकर विरोध करती रही है। उसे डर था कि तेल की कीमतें घटने से उन्हें चुनावों में वोटों की खेती मिलने में दिक्कतें पैदा होंगी।अब चूंकि मतदान खत्म हो गया है, ऐसी स्थिति में तेल की कीमतों में तत्काल कमी की जानी चाहिये। अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट एवं इण्डियन बास्केट में तेल की कीमतों में कमी के मद्देनजर पैट्रोल में भी 20 रूपये, डीजल में 15 रूपये प्रति लीटर और गैस सिलेण्डरों में 35 रूपये की न्यूनतम कमी अत्यन्त आवश्यक है। इसके साथ-साथ लुम्ब्रिकेन्ट सहित अन्य पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में भी 25 से 35 प्रतिशत कीमतें तत्काल कम की जानी चाहिये ताकि मंहगाई पर पुख्ता अंकुश लग सके।
यही नहीं, केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा पैट्रोलियम पदार्थों पर लगाये जा रहे भारी भरकम टैक्सों में भी कमी की जानी जरूरी है।केन्द्र व राज्य सरकारों, राजनैतिक दलों व उनके नेताओं तथा तेल कम्पनियों को अब समझ लेना चाहिये कि बहानेबाजी कर आम अवाम को अब ओर ज्यादा बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता है। उन्हें वक्त रहते जनआक्रोश से बचने के लिये पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में तत्काल कमी करने हेतु प्रभावी कदम तत्काल उठा लेने चाहिये।
बेलगाम टीम