समस्या के समाधान का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है !समस्या की श्रृखला में एक नई समस्या जोड़ दो !जनता का ध्यान पुरानी समस्या से हटा उस ओर मोड दो !जो यथार्थ का प्रतिबिंब दे उस शीशे को फोड़ दो !आचार्य महाप्रज्ञ

कुछ सारहीन बेगारों को, श्रमदान नहीं कहते ! बंजर भूमि देने को, भूदान नहीं कहते ! कुछ जोड़-तोड़ करने को, निर्माण नहीं कहते ! उठ-उठ कर गिर पड़ने को, उत्थान नहीं कहते ! दो-चार कदम चलने को, अभियान नहीं कहते ! सागर में तिरते तिनके को, जलयान नहीं कहते ! हर पढ़-लिख जाने वाले को, विद्धान नहीं कहते ! एक नजर मिल जाने को, पहचान नहीं कहते ! चिकनी-चुपडी बातों को, गुणगान नहीं कहते ! मंदिर में हर पत्थर को, भगवान नहीं कहते। --मुनि तरूणसागर
समाज तो सामायिक है,क्षणभंगुर है !रोज बदलता रहता है,आज कुछ-कल कुछ !भीड भेड है!

सदगुरू, तुम्हें भीड से मुक्त कराता है !सदगुरू, तुम्हें समाज से पार लेजाता है !सदगुरु तुम्हें शाश्वत के साथ जोड़ता है !
--रजनीश

2 दिसम्बर, 2008

शहीदों की चिता पर रोटी सेंकने की नापाक हरकत बर्दाश्त नहीं !
बन्द करो बेशर्मी का नाटक !

एक ओर मुम्बई के ताजमहल होटल, ओबेराय होटल और नरीमन हाउस सहित कई इलाकों में आतंकवादियों के हमले से देश के जांबाज ब्लैककैट कमाण्डो, सेना और नौसेना के जांबाज अफसर और सैनिक जूंझ रहे थे, साथ में थे पुलिस अधिकारी व कर्मचारी और अग्निशमन दल के सदस्य जिनके पास पूरे सुरक्षा उपकरण भी नहीं थे ! तो दूसरी ओर भाजपाई नेता इस खतरनाक आतंकी घटना की मजम्मत करने और देश के अवाम की एकजुटता में शिरकत करने के बजाय सियासी चुनावी फायदा उठाने के लिये जुगत बैठाते रहे।
इन आतंकवादियों की नृशंस हरकत से भारतमाता के दौ सौ के लगभग सपूतों को अपनी जान कुर्बान करनी पडी। सैंकडों अस्पतालों में भर्ती हैं। लेकिन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संद्य और भाजपा के नेता इस नृशंस हत्याकाण्ड से चुनावी फायदा उठाने की जी तोड कोशिश कर रहे हैं। धुआंधार विज्ञापन प्रचार चालू आहे। ऐसा जताया जा रहा है जैसे आरएसएस और भाजपा ने ही आतंकवादियों का सफाया किया हो या फिर ऐसा करने में वे ही सक्षम हैं, अत: विधान सभा चुनावों में उन्हें ही वोट दिया जाये। इस कडी में राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के इलेक्ट्रोनिक और प्रिन्ट मीडिया में साया विज्ञापन भाजपा की अक्ल के दिवालियापन के नमूने हैं। जांबाज शहीदों की कुर्बानी पर अपनी सियासत की रोटी सेक कर वोटों का जखीरा पाने की लालसा रखने वालों को, भारत और उसका अभिन्न अंग राजस्थान का अवाम अलविदा कहने को बेताब है। आम अवाम का एक ही सोच है कि लालची सियासतदानों बन्द करो जांबाज शहीदों की चिता पर रोटी सेकने की नापाक हरकतें ! वर्ना आनेवाले समय में अवाम तुमको बक्षेगा नहीं ! जांबाज शहीदों को हमारा लाल सलाम !
बेलगाम टीम