मुद्दे पर तो बोलो खबरची महारथियों !
खबरची मीडिया जुटा है ड्रेस डिजाइन की खबरें छापने और दिखाने में गृहमंत्री शिवराज पाटिल ने कितनी बार कपडे बदले ! क्यूं बदले ? वगैहरा-वगैहरा ! असल मुद्दा है आतंकवादियों को तलाशने और उन्हें जेल की सलाखें के पीछे पहुंचाना ! ये कैसे हो सकता है, इस पर दिमाग लडाने और सुरक्षा ऐजेन्सियों को सहयोग करने के अपने दायीत्व को शायद खबरची भूल गये लगते हैं। आरूषि हत्याकाण्ड और अन्य कई मामलों में खबरची मीडिया की जो फजीयत हुई है, लगता है इन्होंने इससे सबक नहीं सीखा है। मनचले जिज्ञासू दर्शकों, जिनको मात्र तमाशा देखना होता है, उनके बूते पर टीआरपी बढाने मात्र से हमारे देश का भला नहीं होने वाला है, अब तो सम्भलो, खबरची भाईयों ! वक्त है देश के लिये कुछ कर गुजरने का। अपनी टीआरपी रेटिंग को छोडो और जुट जाओ आतंकवादियों को टूंढ निकालने की मुहिम में। अगर सरकारी अमला, राजनेता और मीडिया मिल कर आतंकवादियों के पीछे पड जाये तो देश का अवाम एकजुट होकर इनके साथ होगा, आतंकवाद को जड से साफ करने में !
