समस्या के समाधान का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है !समस्या की श्रृखला में एक नई समस्या जोड़ दो !जनता का ध्यान पुरानी समस्या से हटा उस ओर मोड दो !जो यथार्थ का प्रतिबिंब दे उस शीशे को फोड़ दो !आचार्य महाप्रज्ञ

कुछ सारहीन बेगारों को, श्रमदान नहीं कहते ! बंजर भूमि देने को, भूदान नहीं कहते ! कुछ जोड़-तोड़ करने को, निर्माण नहीं कहते ! उठ-उठ कर गिर पड़ने को, उत्थान नहीं कहते ! दो-चार कदम चलने को, अभियान नहीं कहते ! सागर में तिरते तिनके को, जलयान नहीं कहते ! हर पढ़-लिख जाने वाले को, विद्धान नहीं कहते ! एक नजर मिल जाने को, पहचान नहीं कहते ! चिकनी-चुपडी बातों को, गुणगान नहीं कहते ! मंदिर में हर पत्थर को, भगवान नहीं कहते। --मुनि तरूणसागर
समाज तो सामायिक है,क्षणभंगुर है !रोज बदलता रहता है,आज कुछ-कल कुछ !भीड भेड है!

सदगुरू, तुम्हें भीड से मुक्त कराता है !सदगुरू, तुम्हें समाज से पार लेजाता है !सदगुरु तुम्हें शाश्वत के साथ जोड़ता है !
--रजनीश

31/8/2008

कोसी बाढ पीडित राजस्थानियों की सुध ले राज्य सरकार !

कोसी नदी में जलस्तर बढने के कारण बाढ के हालात जस के तस बने हुये हैं। इस बाढ ने 50 साल का रेकार्ड तोड दिया है। बाढग्रस्त क्षेत्रों में हजारों राजस्थानी व्यवसाई परिवार सहित रहते हैं। इस प्रलयंकारी बाढ ने उनका सबकुछ तबाह कर दिया। सूत्रों के अनुसार इसका अनुमानत 20 करोड से अधिक का माल बाढ के पानी में बह गया है और ये राजस्थानी व्यवसायी सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। बाढ में फंसे इन राजस्थानी व्यवसाइयों को आर्थिक और चिकित्सा सहायता की सख्त आवश्यकता है। राजस्थान सरकार को पहल कर कोसी बाढ पीडित राजस्थान के लोगों की तत्काल मदद करनी चाहिये साथ ही राज्य से एक प्रतिनिधी मण्डल को हालात का जायजा लेने के लिये प्रभावित क्षेत्र में अवश्य भेजा जाना चाहिये।
हीराचंद जैन outmail9414279658@yahoo.co.in