समस्या के समाधान का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है !समस्या की श्रृखला में एक नई समस्या जोड़ दो !जनता का ध्यान पुरानी समस्या से हटा उस ओर मोड दो !जो यथार्थ का प्रतिबिंब दे उस शीशे को फोड़ दो !आचार्य महाप्रज्ञ

कुछ सारहीन बेगारों को, श्रमदान नहीं कहते ! बंजर भूमि देने को, भूदान नहीं कहते ! कुछ जोड़-तोड़ करने को, निर्माण नहीं कहते ! उठ-उठ कर गिर पड़ने को, उत्थान नहीं कहते ! दो-चार कदम चलने को, अभियान नहीं कहते ! सागर में तिरते तिनके को, जलयान नहीं कहते ! हर पढ़-लिख जाने वाले को, विद्धान नहीं कहते ! एक नजर मिल जाने को, पहचान नहीं कहते ! चिकनी-चुपडी बातों को, गुणगान नहीं कहते ! मंदिर में हर पत्थर को, भगवान नहीं कहते। --मुनि तरूणसागर
समाज तो सामायिक है,क्षणभंगुर है !रोज बदलता रहता है,आज कुछ-कल कुछ !भीड भेड है!

सदगुरू, तुम्हें भीड से मुक्त कराता है !सदगुरू, तुम्हें समाज से पार लेजाता है !सदगुरु तुम्हें शाश्वत के साथ जोड़ता है !
--रजनीश

28/8/2008

जनता तैयार है भाजपा की विदाई के लिये !

राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की हालत पतली है। भाजपानीत श्रीमती वसुन्धरा राजे सरकार का लगभग सारा मंत्रीमण्डल जनता के आक्रोश की चपेट में है। कम से कम बीस मंत्रियों के जीतने की तो गुंजाइश ही नहीं है। वहीं अस्सी से ज्यादा भाजपा विधायकों से क्षेत्र की जनता सख्त नाराज है और इन मंत्रियों और विधायकों को सबक सिखाने के लिये आमादा है। भाजपा के गढ जयपुर शहर को ही लें ! शहर की जनता दूषित पेयजल, सफाई के बद से बदतर हालात, अतिक्रमणों, नगर निगम, शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों में भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और अफसरों-कर्मचारियों द्वारा जनता से दुव्र्यवहार के कारण सख्त नाराज है। आक्रोशित जनता मौन है और वक्त का इन्तजार कर रही है। राजसमन्द जिले की आमेट नगर पालिका की अल्पसंख्यक जैन समुदाय की महिला अध्यक्ष को स्थानीय भाजपा अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों द्वारा परेशान करने, ऋषभदेव मंदिर प्रकरण और उससे जुडे जैन संस्कृति के लोगों पर अत्याचार प्रकरण तथा जैन समुदाय को राजस्थान में अल्पसंख्यक द्योषित नहीं करने से जैन समुदाय अन्दर ही अन्दर नाराज है और भाजपा को सबक सिखाने के लिये तैयार है। गुर्जरों को एसटी का दर्जा नहीं देने, महिला सशक्तिकरण की आड में महिलाओं पर अत्याचार, कर्मचारियों को नये वेतनमान देने में देरी, नई नियुक्तियों में भारी धांधलियां और लगभग डेढ दर्जन से अधिक घोटालों सहित ऐसे ढेर सारे मामले हैं जिन से आम अवाम सख्त नाराज है और सरकार के पास इन समस्याओं को सुलझाने में नाकाम रहने का कोई जवाब नहीं है।
भाजपानीत श्रीमती वसुन्धरा राजे सरकार धुआंधार विज्ञापनों के जरिये आम जनता में अपनी तारीफ के पुल बांधने का प्रयास कर रही है, लेकिन 23 जिलों में सरकार और भाजपा की स्थिति बदतर है और जनता सरकारी अफसरों और भाजपा के स्थानीय नेता-नागलों की करतूतों से परेशान है। भाजपा ने भी तो एक गोपनीय सर्वे करवाया है। पता चलगया होगा सर्वे रिपोर्ट से कि जनता भाजपा को विदाई देने की तैयारी कर चुकी है।

पारस जैन parasjain8323@yahoo.co.in