
25/8/2008
बंधुआ मजदूरों की मुक्ति के पाखण्ड की असली सच्चाई !
एक मनुष्य की-खास तौर पर एक बंधक मजदूर की जान की कीमत क्या होती है ? मध्यप्रदेश सरकार से अगर आप पूछें तो वहां बंधुआ मजदूरों की जान का भाव यह है- एक फाइल और बाद में खिसिया कर जारी की गई खाकी कागज पर छपी एक प्रेस विज्ञप्ति और वह भी झूंट का पुलिन्दा।"
अब जरा सिक्के का दूसरा पहलू बंधुआ मुक्ति का ढोंग करने वालों का, भी जान लीजिये - बडे गौर से जो हमें शर्मसार करता है। विस्तृत पिक्टोरियल डिटेल्स आपको मिलेगी इण्डियन पोस्ट इन्फो नेटवर्क पर !
