24/8/2008
क्या निकम्मे-नाकारा हैं सारे भाजपाई !
पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेई, भाजपा के "जिन्ना से अमरनाथ वाया हिन्दुत्व" यात्रा के सारथी लालकृष्ण आडवानी और आरएसएस के महान दर्शनशास्त्रियों की की नाक के नीचे राजस्थान की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने राजस्थान के गुर्जरों को गुमराह करने और उन्हें बेवकूफ बनाने के चक्कर में, भाजपा के दिग्गज नेताओं, भाजपा से जुडे रिटायर्ड प्रशासनिक, सेना, पुलिस के अफसरों और पार्टी कार्यकर्ताओं को निकम्मा-नाकारा तो साबित कर ही दिया है।
राजस्थान में राज्य सरकार ने देवनारायण बोर्ड का गठन किया है। बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है मध्यप्रदेश में सेवानिवृत हुये भूतपूर्व आइएएस अधिकारी जो मध्यप्रदेश में ही कांग्रेसी राज में अन्य पिछडावर्ग आयोग के पूर्व चेयरमैन रहे तथा कर्नल किरोडी सिंह बैंसला के समधी, सरदार सिंह डंगस को ! अब सवाल उठता है कि क्या राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के पास ऐसा कोई काबिल नेता-कार्यकर्ता ही नहीं है जिसे इस पद पर नियुक्त किया जा सकता था ? कोढ में खाज यह है कि सरदार सिंह डंगस पर मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा तैयार किये जा रहे आरोपपत्र को तैयार करने की जुम्मेदारी पहिले से ही है।
राजनैतिक दावपेचों की चकरघन्नी में एक बात तो साफ हो गई कि राजस्थान में भाजपा के पास एक भी काबिल नेता-कार्यकर्ता नहीं है और दूसरी बात यह भी साफ हो गई कि भाजपा-आरएसएस गुर्जरों के वोट कांग्रेस से हटवा कर बहुजन समाज पार्टी की ओर भिजवाना चाहते हैं। शायद गुर्जरों को बेवकूफ समझ लिया है भाजपा-आरएसएस ने ! तभी तो डंगस को देवनारायण बोर्ड का अध्यक्ष बना कर गुर्जर कौम को गुमराह करने की यह औछी हरकत की गई है। भाजपानीत वसुन्धरा राजे सरकार को इसका एक विज्ञापन भी बनवा कर इलेक्ट्रानिक व प्रिन्ट मीडिया को जरूर भिजवाना चाहिये ! इस नारे के साथ कि "मैं बहुत खुश हूं" !
हीराचंद जैन
