समस्या के समाधान का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है !समस्या की श्रृखला में एक नई समस्या जोड़ दो !जनता का ध्यान पुरानी समस्या से हटा उस ओर मोड दो !जो यथार्थ का प्रतिबिंब दे उस शीशे को फोड़ दो !आचार्य महाप्रज्ञ

कुछ सारहीन बेगारों को, श्रमदान नहीं कहते ! बंजर भूमि देने को, भूदान नहीं कहते ! कुछ जोड़-तोड़ करने को, निर्माण नहीं कहते ! उठ-उठ कर गिर पड़ने को, उत्थान नहीं कहते ! दो-चार कदम चलने को, अभियान नहीं कहते ! सागर में तिरते तिनके को, जलयान नहीं कहते ! हर पढ़-लिख जाने वाले को, विद्धान नहीं कहते ! एक नजर मिल जाने को, पहचान नहीं कहते ! चिकनी-चुपडी बातों को, गुणगान नहीं कहते ! मंदिर में हर पत्थर को, भगवान नहीं कहते। --मुनि तरूणसागर
समाज तो सामायिक है,क्षणभंगुर है !रोज बदलता रहता है,आज कुछ-कल कुछ !भीड भेड है!

सदगुरू, तुम्हें भीड से मुक्त कराता है !सदगुरू, तुम्हें समाज से पार लेजाता है !सदगुरु तुम्हें शाश्वत के साथ जोड़ता है !
--रजनीश

19/8/2008


पानी उतारेगा पानी सरकार का !





दूषित पानी ने दो बच्चियों की जीवन लीला समाप्त कर दी और बीस से ज्यादा को अस्पताल पहुंचा दिया। राजस्थान की राजधानी जयपुर के शास्त्रीनगर इलाके की परबतपुरिया, चांदमारी बट, भट्टाबस्ती, तेलीपाडा कच्ची बस्ती शास्त्रीनगर, व्यास कालोनी सहित अन्य कालोनियों में जलदाय विभाग (जनस्वास्थ्य अभियान्त्रिकी विभाग) द्वारा सप्लाई किया जारहा दूषित पानी राजधानी जयपुर में कहर बरपा रहा है। पीडितों का स्थानीय राजकीय चिकित्सालय कांवटिया अस्पताल व आसपास के निजी अस्पतालों में आना जारी है। कई अन्य इलाकों में दूषित पानी से कई मौते हो चुकी है। लक्ष्मीनारायणपुरी-श्यामपुरी में ही आधा दर्जन मौतें हो चुकी हैं। लेकिन सरकारी अमला हाथ पर हाथ धरे बैठा है। उधर सरकार विज्ञापनों के जरिये गैर जुम्मेदारान और पूरी तरह से गलत आंकडे प्रस्तुत कर दावा कर रही है कि "गांवों में पीने का साफ पानी है" जब राज्य की राजधानी में ही दूषित पानी से मौतें हो रही है और गांवों में तो इस से भी बदतर हालात है, तो कहां है पीने का साफ पानी बताये सरकार ? अब तो इस निकम्मी सरकार का जनता ही उतारेगी पानी !
हीराचंद जैन
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