भारत की आजादी की असली कहानी बयां करने वाले ट्रान्सफर आफ पावर के दस्तावेज जगजाहिर करो !
देश की सत्ता पर काबिज होने के लिये मोहम्मद अली जिन्ना और पं. जवाहर लाल नेहरू ने श्री मोहनदास करमचंद गांधी के मार्गदर्शन में ब्रिटिश हुकुमत से सत्ता हस्तानान्तरण हेतु 1947 में "ट्रान्सफर आफ पावर" का समझौता किया। इस समझौते को वर्ष 2000 तक गोपनीय रखने का भी सत्ता के भूखे हमारे नेताओं ने अंग्रेजों से समझौता किया था। लेकिन वर्ष 2007 बीत जाने के बाद भी केन्द्र में सत्तारूढ होनेवाली कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी की सरकारें इस गुप्त समझौतों को सार्वजनिक नहीं कर रही हैं।
आखीर ! ट्रान्सफर आफ पावर के इन गोपनीय दस्तावेजों में ऐसा क्या है कि केन्द्र में सत्तारूढ सरकारें इन दस्तावेजों को जगजाहिर करने से डर रही हैं ? भारत गणतन्त्र के आम अवाम का हक है कि भारतीय नेताओं और तत्कालीन ब्रिटिश हुकुमत के बीच हुये इस करार की असलियत जाने। ट्रान्सफर आफ पावर के दस्तावेज जगजाहिर होने से देश का अवाम इस सच्चाई को जान सकेगा कि 1947 में देश को आजादी मिली थी या कुछ शर्तों पर महज एक "ट्रान्सफर आफ पावर" था। ट्रान्सफर ऒफ पावर के दस्तावेज तत्काल जारी करो माननीय प्रधानमंत्री श्री मनमोहन सिंह जी !
हीराचंद जैन
