समस्या के समाधान का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है !समस्या की श्रृखला में एक नई समस्या जोड़ दो !जनता का ध्यान पुरानी समस्या से हटा उस ओर मोड दो !जो यथार्थ का प्रतिबिंब दे उस शीशे को फोड़ दो !आचार्य महाप्रज्ञ

कुछ सारहीन बेगारों को, श्रमदान नहीं कहते ! बंजर भूमि देने को, भूदान नहीं कहते ! कुछ जोड़-तोड़ करने को, निर्माण नहीं कहते ! उठ-उठ कर गिर पड़ने को, उत्थान नहीं कहते ! दो-चार कदम चलने को, अभियान नहीं कहते ! सागर में तिरते तिनके को, जलयान नहीं कहते ! हर पढ़-लिख जाने वाले को, विद्धान नहीं कहते ! एक नजर मिल जाने को, पहचान नहीं कहते ! चिकनी-चुपडी बातों को, गुणगान नहीं कहते ! मंदिर में हर पत्थर को, भगवान नहीं कहते। --मुनि तरूणसागर
समाज तो सामायिक है,क्षणभंगुर है !रोज बदलता रहता है,आज कुछ-कल कुछ !भीड भेड है!

सदगुरू, तुम्हें भीड से मुक्त कराता है !सदगुरू, तुम्हें समाज से पार लेजाता है !सदगुरु तुम्हें शाश्वत के साथ जोड़ता है !
--रजनीश

17/07/2008 (13.06 pm)

वीर बालिका स्कूल जयपुर के बेलगाम मैनेजमैंट की कारगुजारी !

राजस्थान सरकार बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित कर रही है ! साइकिलें बांट रही है, यातायात सुविधायें मुहैया करवा रही है ! शिक्षण शुल्क में पूरी छूट दे रही है ! लेकिन कभी बालिका शिक्षा में अग्रणी रही श्री वीर बालिका सीनियर सेकेण्डरी स्कूल जिसे, राज्य सरकार से सत प्रतिशत राजकीय अनुदान मिलता है के, बेलगाम मैनेजमैंट ने दिनांक 17 जुलाई, 2008 को छात्राओं को स्कूल से इस लिये निकाल दिया कि उन्होंने स्कूल प्रबन्धकों के मनमुताबिक फीस जमा नहीं करवाई। इस स्कूल में कानूनन शिक्षण शुल्क वसूला नहीं जा सकता है। क्योंकि निशुल्क शिक्षण की व्यवस्था है। वहीं मैनेजमैंट लगभग छै सौ रूपये सहायता के नाम पर जबरन वसूल रहा है। विडियो बया करता हैं नारी शिक्षा के दुश्मनों की बेलगाम हरकत को !

इस विडियो को गौर से देखिये ! एक ही समुदाय के धन्नासेठ किस तरह बच्चियों को जबरन स्कूल से निकाल कर घर भिजवा रहे हैं और नारी शिक्षा की धज्जियों उडा रहे हैं बेलगाम ! क्या ऐसी हरकत उचित है स्कूल के बेलगाम मैनेजमैंट की ! अपने कमेंट~स हमें लिख भेजें !
हीराचंद जैन outmail9414279658@yahoo.co.in