चीनी के पीछे पड़े हैं बेशर्म सटौरिये !
एक सोची समझी साजिश और योजना के तहत अब सटौरिये चीनी के भावों को आसमान में ले जाने की जुगत बैठा रहे हैं। कमोडिटी बाजार में सटौरिये लगे हैं लिवाली (खरीद) में। जो लोग कमोडिटी एक्सचेंजों के हिमायती हैं अब समझलें कि चीनी के भावों में बढ़ोत्तरी के लिये सीधे-सीधे वायदा सौदे और वायदा बाजार ही जुम्मेदार हैं। जब सटौरिये दालों, गेहूं, खाद्य तेल के वायदा सौदों में आपरेट कर रहे थे, तब तो चीनी के भाव नहीं बढ़े। अब सारे सटौरिये घुस गये चीनी कारोबार में। इन बेशर्मो को शर्म नहीं आ रही चीनी के भाव बढ़ा कर उसे मंहगी करने में। लगता है, इन बेलगामों के घरों में उनके परिवार के बच्चों को चीनी की जरूरत नहीं है या ऐसा तो नहीं कि इन सटौरियों के घरों में, इनके परिवारों में मां-बहिन-बीबी-बच्चे ही न हों ? चीनी में सट्टा करनेवाले कारोबारियों को शर्म आनी चाहिये ! देखते हैं शर्म आती है या नहीं !
