समस्या के समाधान का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है !समस्या की श्रृखला में एक नई समस्या जोड़ दो !जनता का ध्यान पुरानी समस्या से हटा उस ओर मोड दो !जो यथार्थ का प्रतिबिंब दे उस शीशे को फोड़ दो !आचार्य महाप्रज्ञ

कुछ सारहीन बेगारों को, श्रमदान नहीं कहते ! बंजर भूमि देने को, भूदान नहीं कहते ! कुछ जोड़-तोड़ करने को, निर्माण नहीं कहते ! उठ-उठ कर गिर पड़ने को, उत्थान नहीं कहते ! दो-चार कदम चलने को, अभियान नहीं कहते ! सागर में तिरते तिनके को, जलयान नहीं कहते ! हर पढ़-लिख जाने वाले को, विद्धान नहीं कहते ! एक नजर मिल जाने को, पहचान नहीं कहते ! चिकनी-चुपडी बातों को, गुणगान नहीं कहते ! मंदिर में हर पत्थर को, भगवान नहीं कहते। --मुनि तरूणसागर
समाज तो सामायिक है,क्षणभंगुर है !रोज बदलता रहता है,आज कुछ-कल कुछ !भीड भेड है!

सदगुरू, तुम्हें भीड से मुक्त कराता है !सदगुरू, तुम्हें समाज से पार लेजाता है !सदगुरु तुम्हें शाश्वत के साथ जोड़ता है !
--रजनीश

28/7/2008

जयपुर बम ब्लास्ट के दोषी कब पकडे जायेंगे ?

13 मई, 2008 यह वह तारीख है, जिस दिन राजस्थान की राजधानी जयपुर में सीरियल बम ब्लास्ट हुये ! आज ढाई महिनों से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन राजस्थान सरकार और उसका पुलिसिया अमला जयपुर ब्लास्ट के दोषी दरिन्दों को नहीं ढूंढ पाया है। आखीर क्यों ? राजस्थान सरकार के पास किन साधनों की कमी है जिसकी कमी के कारण बम ब्लास्ट के लिये दोषियों को पकड़ने में सरकार आज तक नाकाम रही है। सरकार बताये कि जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों/दोषियों को पकड़ने के लिये क्या-क्या साधन-साजोसामान वगैहरा उसे चाहिये, ताकि आम अवाम उसकी आपूर्ति कर सके। बेंगलूरू और अहमदाबाद में भी बम ब्लास्ट हो चुके हैं। ऐसे में उम्मीद है कि राजस्थान सरकार कुंभकर्णी निन्द्रा से जागेगी और जयपुर के दिल को उनके अजीजों के लहु से रंगने वाले जयपुर ब्लास्ट के दोषी दरिन्दों को पकड़ने के लिये जुम्मेदारीपूर्ण कार्यवाही करेगी।
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