19/7/2008
क्या मार्क्स को पुर्नजन्म लेना पडेगा ?
भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के महासचिव ए. बी. वर्धन जुटे हैं सुश्री मायावती को प्रधानमंत्री बनाने की जुगत बैठाने में ! पहिले मार्क्सवादी पीछे पडे थे, सोमनाथ दा के ! इस्तीफा दो ! इस्तीफा दो ! अब वर्धन साहब पीछे पडे हैं सुश्री मायावती के ! प्रधानमंत्री बनो ! प्रधानमंत्री बनो ! वर्धन साहब जब ज्योति दा को प्रधानमंत्री बनाने की बात चली तब वामपंथियों की अक्ल कौन से बिल में घुस गई थी ? तब तो तथाकथित सिद्धान्त आडे आगये थे ! लेकिन अब सुश्री मायावती के पिछलग्गू बनने में सिद्धान्त क्यों आडे नहीं आ रहे हैं, वामपंथियों के ?
लगता है कि शायद अब "मार्क्स" को पुर्नजन्म लेना पडेगा, भारत के वामपंथियों से पिछलग्गू बनने की ट्रेनिग लेने के लिये !
