19/7/2008
शिक्षा विभाग के अफसर निकम्मे-नकारा हैं या राजस्थान में ये नया सरकार प्रायोजित घोटाला
सरकार ने वर्ष 2008-2009 के बजट में गैर सरकारी स्कूलों-कालेजों में भर्ती और फीस के मामलों में एक नियामक आयोग बनाने की द्योषणा की थी। सरकारी अमला आयोग गठन-संचालन सम्बन्धित दिशानिर्देश तैयार करने में जुटा है।
शिक्षा विभाग के आला अफसर पिछले चार महिनों से दिशानिर्देश बनाने में जुटे हैं। कुछ काम हुआ है । अब सरकार ने यह काम ठेके पर दे दिया है दिल्ली की एक एनजीओ ग्लोबल एज्युकेशन सोसायटी की श्रीमती गौरी ईश्वरन को ! उन्हें एक लाख रूपया महिना, खासाकोठी होटल में एक कमरा और आने-जाने के लिये हवाई यात्रा की सुविधा मिलेगी। भ्रष्टाचार-द्योटालों के लिये पहिले से ही बदनाम शिक्षा विभाग में यह एक नया द्योटाला। सुनने में तो यह भी आया है कि ये एनजीओ भारतीय जनता पार्टी के एक बडे नेता की करीबी हैं।
जनता को फैंसला करना होगा कि शिक्षा विभाग के आला अफसर निकम्मे और नाकारा हैं या बेलगाम राजस्थान सरकार का ये नया द्योटाला है ?
हीराचंद जैन
outmail9414279658@yahoo.co.in
