बेमेल तालमेल-जोडतोड सिर फुटव्वल !
बेंगालूरू में भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्री एच. डी. देवेगौडा की पहल पर तीसरे मोर्चे के गठन की घोषणा हो गई है। मोर्चे के घोषित घटक दलों में से बसपा की अध्यक्ष मायावती, एआईएडीएम की जयललिता के साथ-साथ फारवर्ड ब्लाक एवं आरएसपी के शीर्षस्थ नेता इस मौके पर मौजूद नहीं थे। मोर्चे के विधिवत स्वरूप लेने से पहिले ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बहस शुरू हो गई है। इस मोर्चे में जुटे कथित 9 दल लोकसभा की कितनी सीटों पर चुनाव लडेंगे ? उनके चुनावी तालमेल के क्या तौर तरीके होंगे ? यह अभी भविष्य के गर्भ में है। लेकिन मोर्चे में जुटे स्वंयभू दादा भाई अब सुपर दादा भाई बनने की जुगत बैठाने में जुट गये हैं। बिहार, झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, उडीसा में तो इन मोर्चा घटक दलों में वैसे ही सिर फुटव्वल चल रही है। अलबत्ता कांग्रेस-भाजपा से तलाक के बाद जनता दल (सेक्यूलर) ने अब तीसरे मोर्चे के नाम पर अपने लिये जमीन तलाशने की जो नौटंकी की है, जनता तो स्वीकार करने वाली नहीं ! बेलगाम टीम, 13 मार्च, 2009
