बागवानी घोटाला-जांच कब पूरी होगी भाभडा साहब !
पिछले साढे चार महिनों से बागवानी कांड की जांच राज्य की आर्थिक नीति एवं सुधार परिषद के उपाध्यक्ष हरिशंकर भाभडा की अलमारियों में कैद है। आखीर वे क्या कारण और परिस्थितियां हैं जिनकी वजह से जांच साढे चार माह बीत जाने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। आल इण्डिया फारवर्ड ब्लाक की राजस्थान स्टेट कमेटी के स्टेट जनरल सेक्रेटरी हीराचंद जैन ने 4 मई, 2008 को राज्य सरकार से सारे प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की थी, क्योंकि बागवानी मिशन योजना केन्द्र से वित्तपोषित योजना है और इस में हुई अनियमितता-घोटाले की जांच के लिये सीबीआई सक्षम जांच ऐजेन्सी है। लेकिन राज्य सरकार ने भाभडा को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया।
अब चूंकि जांच को ठण्डे बस्ते में डालने की प्रक्रिया चल रही है, वहीं उधान विभाग के पूर्व प्रमुख शासन सचिव आर. एस. गठाला ने साफ तौर पर कहा कि सरकारी दबाव के कारण बागवानी घोटाला जांच रूक गई है। इस से साफ जाहिर हो जाता है कि दाल में कुछ काला तो जरूर है ही। वरिष्ठ भाजपा नेता ललित किशोर चतुर्वेदी राज्य में राजनैतिक शुचिता का आन्दोलन शुरू कर रहे थे और अब पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरोसिंह शेखावत भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने की बात कह रहे हैं। चूंकि चतुर्वेदी जी और पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरोसिंह शेखावत राजस्थान के ही हैं और वे भारतीय जनता पार्टी नीत राज्य सरकार के मंत्री व मुख्यमंत्री भी रहे हैं। ऐसी स्थिति में दोनों ही वरिष्ठ राजनेता राजनैतिक शुचिता का आन्दोलन और भ्रष्टाचार के खिलाफ अलख जगाने का काम राजस्थान से ही शुरू करें तो राजस्थान कि जनता उनका शुक्रिया करने के लिये तत्पर है। वैसे भाभडा साहब भी बतायें कि बागवानी घोटाला मामले की जांच वे कब तक पूरी करलेगें। आगामी विधान सभा चुनावों से पहिये या बाद में ? सवाल के जवाब का इन्तजार है।
