समस्या के समाधान का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है !समस्या की श्रृखला में एक नई समस्या जोड़ दो !जनता का ध्यान पुरानी समस्या से हटा उस ओर मोड दो !जो यथार्थ का प्रतिबिंब दे उस शीशे को फोड़ दो !आचार्य महाप्रज्ञ

कुछ सारहीन बेगारों को, श्रमदान नहीं कहते ! बंजर भूमि देने को, भूदान नहीं कहते ! कुछ जोड़-तोड़ करने को, निर्माण नहीं कहते ! उठ-उठ कर गिर पड़ने को, उत्थान नहीं कहते ! दो-चार कदम चलने को, अभियान नहीं कहते ! सागर में तिरते तिनके को, जलयान नहीं कहते ! हर पढ़-लिख जाने वाले को, विद्धान नहीं कहते ! एक नजर मिल जाने को, पहचान नहीं कहते ! चिकनी-चुपडी बातों को, गुणगान नहीं कहते ! मंदिर में हर पत्थर को, भगवान नहीं कहते। --मुनि तरूणसागर
समाज तो सामायिक है,क्षणभंगुर है !रोज बदलता रहता है,आज कुछ-कल कुछ !भीड भेड है!

सदगुरू, तुम्हें भीड से मुक्त कराता है !सदगुरू, तुम्हें समाज से पार लेजाता है !सदगुरु तुम्हें शाश्वत के साथ जोड़ता है !
--रजनीश

13/8/2008

घरेलू गैस, डीजल, पैट्रोल की कीमतें घटाओ !

विश्व बाजार में क्रुड आयल की कीमतें 114 डालर प्रति बैरल के नीचे आ गई है। इण्डियन बास्केट में भी क्रुड आयल की कीमतों में भारी गिरावट हो चुकी है। अमरीकी कांग्रेस के सख्त रवैये से न्यूयार्क क्रुड आयल कांट्रेक्ट से सटौरिये भागने लगे हैं। भारत में भी सटौरियों की हालत पतली होती जा रही है। हमने बेलगाम में 26 जुलाई, 2008 को ही बता दिया था कि क्रुड आयल से सटौरियों के हटते ही भाव औंधे मुंह नीचे आ गिरेगें ! क्योंकि खपत कम होती जा रही है। इस ही के चलते ओपेक देश उत्पादन कम करने की कोशिश कर रहे हैं।

अब क्रुड आयल की कीमतों में रेकार्ड तोड कमी आने के बावजूद भारत में केन्द्र सरकार रसौई गैस, पैट्रोल, डीजल की कीमतों में कमी नहीं कर रही है, आखीर क्यों ? देश की अमरीकी परस्त दोनों पार्टियों, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस भी केन्द्र सरकार पर पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी करने के लिये दबाव नहीं डाल रही है। भाजपा शासित राज्यों में पैट्रोलियम पदार्थों पर से जानबूझ कर टैक्स कम नहीं किये जा रहे हैं। साम्यवादी दल "बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना" की भूमिका निभा कर अब चुप बैठे हैं। सत्ताधीशों मंहगाई से पीडित आम अवाम का कुछ तो ख्याल करो ! कुछ तो शर्म करो ! घटाओं कीमतें गैस, पैट्रोल, डीजल की !

हीराचंद जैन

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