समस्या के समाधान का सर्वश्रेष्ठ उपाय यही है !समस्या की श्रृखला में एक नई समस्या जोड़ दो !जनता का ध्यान पुरानी समस्या से हटा उस ओर मोड दो !जो यथार्थ का प्रतिबिंब दे उस शीशे को फोड़ दो !आचार्य महाप्रज्ञ

कुछ सारहीन बेगारों को, श्रमदान नहीं कहते ! बंजर भूमि देने को, भूदान नहीं कहते ! कुछ जोड़-तोड़ करने को, निर्माण नहीं कहते ! उठ-उठ कर गिर पड़ने को, उत्थान नहीं कहते ! दो-चार कदम चलने को, अभियान नहीं कहते ! सागर में तिरते तिनके को, जलयान नहीं कहते ! हर पढ़-लिख जाने वाले को, विद्धान नहीं कहते ! एक नजर मिल जाने को, पहचान नहीं कहते ! चिकनी-चुपडी बातों को, गुणगान नहीं कहते ! मंदिर में हर पत्थर को, भगवान नहीं कहते। --मुनि तरूणसागर
समाज तो सामायिक है,क्षणभंगुर है !रोज बदलता रहता है,आज कुछ-कल कुछ !भीड भेड है!

सदगुरू, तुम्हें भीड से मुक्त कराता है !सदगुरू, तुम्हें समाज से पार लेजाता है !सदगुरु तुम्हें शाश्वत के साथ जोड़ता है !
--रजनीश

22/7/2008

मनमोहन सिंह आज शाम विश्वासमत हांसिल कर रहे हैं !


इसे भविष्यवाणी कहो या फिर कहो असली कहानी ! प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विश्वासमत जीत रहे हैं आज ! भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवानी पूरी ताकत लगा रहे हैं सरकार गिराने में, जबकि संसद में अमरीका से परमाणु करार का समर्थन करते नजर आये। भाजपा के सांसद अब साफ तरीके से समझ गये हैं कि मनमोहन सिंह सरकार अगर गिर भी गई तो उन्हें कोई फायदा नहीं होने वाला है। क्योंकि मायावती और वामपंथियों का कब्जा हो जायेगा केन्द्र में सरकार पर ! भाजपा को तो मात्र वामपंथी समर्थित सरकार को समर्थन देने तक ही संतोष करना पडेगा। ऐसी स्थिति का विपरीत प्रभाव भी आनेवाले विधान सभा चुनावों पर पडेगा और भाजपा को इन चुनावों में नुकसान उठाना होगा, यह निश्चित है। अन्य दल और सांसद भी जल्दी चुनावों के लिये उत्सुक नहीं है। ऐसी हालत में सबकी अन्दरूनी सोच यही है कि मनमोहन सिंह सरकार विश्वासमत हांसिल करलें। इस लिये अब साफ है कि आज शाम को मनमोहन सिंह सरकार विश्वासमत हांसिल करने में सफल हो जायेगी। डब्लूटीओ, अमरीकी राष्ट्रपति व अमरीका के सारे राजनेता भी तो यही चाहते हैं और इस ही पल का इन्तजार कर रहे हैं ! देश के स्टाक एक्सचेंज, कमोडिटी एक्सचेंज, बडे-बडे पूंजीपति भी राहत की सांस तभी लेगें जब उनकी मनमोहनी सरकार को विश्वास मत हांसिल हो जायेगा।

parasjain8323@yahoo.co.in