15/7/2008
भाव घटते हैं-भाव बढते हैं ! बीच में लोग बे-भाव मरते हैं !
आज उपभोक्ता वस्तुओं के भाव चढे हैं आसमान पर ! मंहगाई से आम अवाम के हाल बेहाल हैं। जमाखोर-कालाबाजारिये बेलगाम हैं। राजस्थान की भाजपानीत श्रीमती वसुन्धरा राजे सरकार बडे घरानों, बडे-बडे व्यापारियों, जमाखोरों-कालाबाजारियों पर लगाम कसने में नाकाम है। राजस्थान को ही लें तो डीजल-पैट्रोल-घरेलू गैस पर सेल्स टैक्स व सैस मिला कर 22 से 29 प्रतिशत टैक्स है, जिसे अगर 10 प्रतिशत भी घटा दिया जाये तो आम उपभोक्ता वस्तुओं के भाव होंगे पैंदे में और जमाखोर-कालाबाजारिये मरेगे बेभाव ! लेकिन लगता है, सत्ता के मद में मदहोंश सत्ताधीशों को वोट और नोट वसूलने के अलावा आम अवाम से कोई सरोकार नहीं रह गया है और आम अवाम के प्रति अपनी नैतिक जुम्मेदारी भूल गये हैं ये बेलगाम ! आरूषी हत्या काण्ड और ऐसे ही कई मामलों में खबरची मीडिया रहा बेलगाम ! लेकिन जमाखोरों-कालाबाजारियों, कालेधन के बूते पर अपनी तोंदे फुलाये बैठे धन्ना सेठों और उनके बूते पर अपनी दालरोटी चलाने वाले उनके बेलगाम छुटभैये राजनैताओं के खिलाफ आवाज उठाने की जुर्रत भी नहीं कर पा रहे हैं हमारे बहादुर खबरची !
सत्ताधीशों की ना-लायकी के चलते जोंक की तरह जनता का खून चूस रहे बेलगाम जमाखोरों-कालाबाजारियों की करतूतों का मुकाबला करने की अब आम अवाम को ही हिमाकत करनी होगी। हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान-जय किसान का नारा देते हुये आम अवाम से सप्ताह के प्रत्येक सोमवार को एक वक्त खाना खाने का आव्हान किया था, ताकि आम अवाम को आम उपभोक्ता वस्तुओं की कमी ना हो और बचत को देश के रणबांकुरों पर खर्च किया जा सके। जनता ने उनके क्रान्तिकारी संदेश को सिर आंखों पर लिया और उसका पालन किया।
आज फिर वक्त आगया है, हमें तैय करना होगा कि सत्ताधीशों और जमाखोरों-कालाबाजारियों की सांठ-सांठ से बढ रही मंहगाई का मुकाबला करने के लिये हम सप्ताह में एक दिन अपने वाहन न चलायें, सप्ताह में एक दिन एक वक्त खाना नहीं खायें ! सप्ताह में एक दिन बाजार से कोई सामान नहीं खरीदें ! सप्ताह में एक दिन घर पर ही रह कर परिवार में समय बितायें ! यही एक असरदार तरीका बचा है मंहगाई और बेलगाम जमाखोरों-कालाबाजारियों से मुकाबला करने का ! बेपरवाह सत्ताधीशों को आइना दिखाने का !
आओ हमसब मिल कर इस पर अमल करें !
हीराचंद जैन
